गौरी के लिये
नन्ही मुनी गुड़िया आई हमारे घर ,
खुिशयँा ही खुिशयँा लायी हमारे घर ।
परी सी सुन्दर है हमारी गुड़िया ,
सब की राजदुलारी है हमारी गुड़िया ।
उस की चुलबुली हँसी है सब को प्यारी ,
उस की मासूम बातें है बहुत न्यारी ।
कब बड़ी हो गयी पता ही नहीं चला,
सयानी हो गयी है लगता है बहुत भला ।
ममा और पापा की है वो लाड़ली ,
भैया की है प्यारी बैहना मनचली ।
भाभी की है दुलारी ननदिया,
बुआ बनी नन्दीका की उस का मोह िलया जीया ।
डाक्टर ताई के साथ है प्यारा बंनदन बहुत पुराना ,
दोस्ती जैसा लगता है चाहे नहीं माने ये ज़माना ।
मनचाहा जीवन साथी मिल गया है , हमारी प्यारी गौरी को ,
रब , हम सब दुआ माँगते हैं ,ख़ुश रखना हमारी प्यारी गौरी को ।
बाबुल की दुलारी ,कर जाएगी बाबुल का घर ख़ाली ,
दुआएँ सब की लेती जा ,ससुराल में भर देना ख़ुशहाली ही ख़ुशहाली ।
याद रखना बिटिया हमारी दी हुई सीख ,
अब पिया का घर आँगन ही है तुम्हारी दहलीज़ ।
नया घर नयी खुिशयँा आई हैं तुम्हारे क़दमों में ,
प्यार से समेट कर रखना इन्हें अपनी ज़िन्दगी में ।
रब ये कैसा महसूस हो रहा है आज ,
दिल भर आया है तुम्हारे िबछडने पर ,
लेकिन ख़ुशी का अहसास भी िदल मे गया है भर ।
बिटिया रब हमेशा रहे तुम्हारे साथ ,
बिटिया हम सब रखते हैं तुम्हारे िसर पर हाथ ।
डाक्टर ताई
पुष्पा चतुर्वेदी
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