Wednesday 23 January 2013

गौरी के लिये



  
      गौरी  के  लिये          

नन्ही  मुनी गुड़िया आई हमारे घर ,
खुिशयँा ही खुिशयँा लायी हमारे घर ।

परी सी सुन्दर है हमारी गुड़िया ,
सब की राजदुलारी है हमारी गुड़िया ।

उस की चुलबुली हँसी है सब को प्यारी ,
उस की मासूम बातें है बहुत न्यारी ।

कब बड़ी हो गयी पता ही नहीं चला,
सयानी हो गयी है  लगता है बहुत भला ।

ममा और पापा की है वो लाड़ली ,
भैया की है प्यारी बैहना मनचली ।

भाभी की है दुलारी ननदिया,
बुआ बनी नन्दीका की उस का मोह  िलया जीया ।

डाक्टर  ताई के साथ है प्यारा  बंनदन  बहुत पुराना ,
दोस्ती जैसा लगता है चाहे नहीं माने ये  ज़माना ।

मनचाहा जीवन साथी मिल  गया है , हमारी प्यारी  गौरी को ,
रब , हम सब दुआ  माँगते हैं ,ख़ुश रखना हमारी प्यारी  गौरी को ।

बाबुल की दुलारी ,कर जाएगी बाबुल का घर ख़ाली ,
दुआएँ  सब की लेती जा ,ससुराल में  भर देना ख़ुशहाली ही ख़ुशहाली ।

याद रखना बिटिया   हमारी दी हुई सीख ,
अब पिया का घर आँगन ही है तुम्हारी  दहलीज़  ।

नया घर नयी खुिशयँा आई हैं तुम्हारे क़दमों में ,
प्यार से समेट कर रखना इन्हें अपनी ज़िन्दगी  में ।

रब ये कैसा महसूस हो रहा है आज ,
दिल भर आया है तुम्हारे  िबछडने  पर ,
लेकिन  ख़ुशी का अहसास भी  िदल मे गया है भर ।

बिटिया रब हमेशा रहे  तुम्हारे  साथ ,
बिटिया हम सब रखते हैं  तुम्हारे िसर  पर हाथ ।

                                                                डाक्टर  ताई  
                                                                   पुष्पा चतुर्वेदी 

No comments:

Post a Comment