Monday 14 January 2013

जुदाई



चाँद तुमे भी नज़र आता है, 
चाँद हमे भी  नज़र आता है ,
चाँद तो हम दोनो को नज़र  आता है,
बस ऐक दूसरे को नज़र नहीं आते हैं हम ।

याद तुम भी कर रहे हो ,
याद हम भी कर रहे हैं,
यादों  की दुनिया में  हम दोनो खो गये हैं ,
बस समझ नहीं पाते ख़यालो में मिले कैसे हम ।

ख़्वाब तुम भी देखते हो 
ख़्वाब हम भी देखते हैं,
ख़्वाबों  में अपनी िदल की बातें  हम दोनो कैह रहे हैं,
बस आमने सामने बातें करने को तरस गये हैं हम  ।

िमलना तुम भी चाहते हो ,
िमलना हम भी चाहते हैं,
मिलने की तमन्ना तो हम दोनो कर रहे हैं,
बस खुदा को ही है पता मिलेंगे कैसे हम ।

प्यार तुम भी करते हो ,
प्यार हम भी करते हैं,
प्यार का एहसास हम दोनो महसूस कर रहें हैं,
बस ये नहीं मालूम प्यार की जीत होगी कब ।

दुआएँ तुम भी माँगते हो ,
दुआएँ हम भी माँगते हैं,
दुआएँ  तो खुदा से  हम दोनो माँग रहे हैं,
बस ये नहीं पता क़बूल होंगी कब । 

ऐ मेरे खुदा ,कुछ कर ऐसा ,दो िबछडे हुऐ दिलो को मिला ,
आप के कदमो में सर रखकर,िमट जाएगा  सारा  िशकवा  िगला ।

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